श्रद्धा
(७)
दिन हुए पूर्ण जब सत्यवान के
आए यमदूत ले जाने की ठान के
कस ली कमर सावित्री ने तत्क्षण
भगे यमदूत निष्फल प्रयास जान के
हार से आह़त हुआ यम का अहम्
स्त्री से युद्ध को चल पड़ा बे-रहम
श्रद्धा-कवच तो रहे अभेद्य सती के
पर हुए तार - तार यम - मान के
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