Wednesday 19 March, 2008

श्रद्धा

श्रद्धा
(२५)
भाषण देने से होगा क्या
जो कर के न दिखलाया तो
नहीं, अब नहीं सहन होगा
जो फिर से ललचाया तो
आ कर्म - क्षेत्र में , हो लथ-पथ
पाओ पहले अनुभव,तुम्हे शपथ
श्रद्धा से मतवाले दौड़ पड़ेंगे
ज्ञान ज़रा सा भी छलकाया तो

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