कुकिंग गैस की समस्या और शिकायत की अपेक्षा
१५अगस्त के बाद आज २ अक्तूबर को आप सब से रु-ब-रु हो रहा हूँ अपने ब्लॉग पर इकोनोमिक टाइम्स के आज के अंक में मेरी लिखित पाठकों की राय हु-ब-हु पढ़वाने के लिए .........
पाठकों की राय
सीधे तेल कंपनियों से कर सकेंगे रसोई गैस के लिए शिकायत
chandra Mohan Gupta , Jaipur , says: समझ में नहीं आता कि कंपनी वाले शिकायतों के लिए बलि का बकरा क्यों चाहते हैं? समस्याएं हैं तो ही पत्र-पत्रिकाओं में इस ओर ध्यान दिलाया जाता है। कंपनी के ज़िम्मेदार अधिकारी एसी रूम से निकलकर शहर की गैस एजेंसियों पर वेश बदलकर आकस्मिक निरीक्षण करें तो दूध का दूध और पानी का पानी अपने आप हो जाएगा।
*आवश्यकता कार्रवाई की, नए नियम बनाने की नहीं।
*आवश्यकता ज़िम्मेदार बनने की है, टालमटोल करने की नहीं।
* आवश्यकता समस्या पैदा ही नहीं होने देने की है, समस्याओं के पैदा होने और उनके समाधान खोजने हेतु जनता की शिकायतों के अंबार की नहीं।
* हंडी का एक ही चावल देखा जाता है, न की हंडी के सभी चावलों को, फिर ज़िम्मेदार अधिकारी को क्या इतना भी वेतन नही मिलता कि वह हंडी में चावल ठीक तरह से पकाकर जनता को परोसें।
*गैस सेवा भी उपभोक्ता अदालत के कार्य क्षेत्र में आनी चाहिए, ताकि जनता एजेंसी वालों और संबंधित अधिकारी को भी कटघरे में खड़ा कर सके।2 Oct 2008, 1035 hrs ईस्ट
कृपया अपनी राय से अवगत कराएं.
Thursday, 2 October 2008
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5 comments:
भाई चंद्रमोहन जी आप देख रहे हो हम देख रहे हैं और सभी देख रहे हैं कि आज अगर हमें कोई काम कराना पडे तो मेज के नीचे हाथ देना पडता हे कहने का भाव है कि भ्रष्टाचार ऊपर से लेकर नीचे तक फैला हुआ है और एक बार गीदड के मुहं इंसान का खून लग चुका है यहां गीदड इसलिए बोला कि ये रिश्वतखोर शेर तो हैं नहीं निरे गीदड ही हैं अच्छा जागृत कर रहे हो आप करते रहो और थोडा अंतराल को कम कर दो काफी दिनों बाद वापस आए ब्लाग पर अब आप नियमित आओ
sir now this outdated is updated with cooking gas problem
regards
" very well said, it is really an issue which require proper attention and decision'
regards
Namaskaar!
आपके द्वारा ध्यानाकर्षण पर मेने वोह लायने बदल दी थी ..... धन्यबाद .
सुंदर जानकारी पूर्ण आलेख
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