Mumukshh Ji आप बहुत अच्छा लिखते हैं.आप की श्रद्धा पर लिखी रचनाएँ पढी...सोच और भाव बहुत सुंदर हैं. बधाई. आप मेरे ब्लॉग पर आए मूर्खता के दोहों में मज़ेदार वृद्धि की उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. हिन्दी में कमेन्ट करना और लिखना आसान है.आप http://www.google.com/transliterate/indic par क्लिक करें और रोमन में टाइप करें ये ख़ुद ही हिन्दी में परिवर्तित हो जाएगा. नीरज
आपकी श्रद्धा को पढ़ा और आपके लिखने की गहराई को समझा नही बुलाती मधुशाला और शिक्षा अपने आप ले जाते हैं जैसे शब्दों से आपने जिंदगी की गूढ़ सच्चाई कहे दी है आप जैसे कवि की कलम शांत क्यों है ?
Mumukshh Ji
ReplyDeleteआप बहुत अच्छा लिखते हैं.आप की श्रद्धा पर लिखी रचनाएँ पढी...सोच और भाव बहुत सुंदर हैं. बधाई.
आप मेरे ब्लॉग पर आए मूर्खता के दोहों में मज़ेदार वृद्धि की उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. हिन्दी में कमेन्ट करना और लिखना आसान है.आप http://www.google.com/transliterate/indic par क्लिक करें और रोमन में टाइप करें ये ख़ुद ही हिन्दी में परिवर्तित हो जाएगा.
नीरज
आपकी श्रद्धा को पढ़ा और आपके लिखने की गहराई को समझा
ReplyDeleteनही बुलाती मधुशाला
और शिक्षा अपने आप ले जाते हैं जैसे शब्दों से आपने जिंदगी की गूढ़ सच्चाई कहे दी है
आप जैसे कवि की कलम शांत क्यों है ?