tag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post6325894142975161019..comments2023-06-24T16:15:16.862+05:30Comments on Mumukshh Ki Rachanain: प्राकृतिक गंगा का आर्थिक युग में होता हुआ हश्रMumukshh Ki Rachanainhttp://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-36740439393533571742016-05-06T22:14:40.617+05:302016-05-06T22:14:40.617+05:30Bahut badiya......Bahut badiya......teriliyejindagi.blogspt.comhttps://www.blogger.com/profile/07570340985319549969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-4876990159702929292016-05-06T22:02:26.919+05:302016-05-06T22:02:26.919+05:30Bahut badiya......Bahut badiya......teriliyejindagi.blogspt.comhttps://www.blogger.com/profile/07570340985319549969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-81402881971143848662012-06-19T10:20:15.976+05:302012-06-19T10:20:15.976+05:30काम शैतानों के करके दिल मेरा अब भर गया !
अब तो य...काम शैतानों के करके दिल मेरा अब भर गया ! <br />अब तो यारो कसम से, इंसान होना चाहता हूँ !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-44974905932595447222011-07-01T00:27:03.081+05:302011-07-01T00:27:03.081+05:30चोरो को खजाने की रखबाली दी हे तो यही हाल होगाचोरो को खजाने की रखबाली दी हे तो यही हाल होगाराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-56356025085360109882011-06-30T19:45:57.440+05:302011-06-30T19:45:57.440+05:30गंगा को दूषित करने में सभी का दोष है । लेकिन साफ क...गंगा को दूषित करने में सभी का दोष है । लेकिन साफ करने के लिए जो दृढ इच्छा शक्ति चाहिए , वह नज़र नहीं आती । क़र्ज़ का क्या हस्र होगा , यह तो सब जानते हैं ।<br />अब तो कुदरत भी साथ छोड़ रही है । जल्दी ही वो समय आने वाला है जब गंगा जल भी मेड इन चाइना होगा ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-83808066517530733992011-06-30T17:39:40.391+05:302011-06-30T17:39:40.391+05:30सामयिक लेख, गंगा को शुद्ध रखना होगा।सामयिक लेख, गंगा को शुद्ध रखना होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-88227507550232646952011-06-30T13:49:18.748+05:302011-06-30T13:49:18.748+05:30राज्ये जी,
आपकी निम्न बात
"यदि आपके घर केसा...राज्ये जी,<br />आपकी निम्न बात <br />"यदि आपके घर केसामने कोई कचरा फेंक जाये तो आप मोहल्ला सिर पर उठा लेते हैं पर गंगा में हजारों स्रोतों से गंदगी आ समाती है...तो किनारे रहने वाले, रोज चुल्लू भर जल पीने और देवताओं को अर्ध्य देने वाले उसके बेटे... ये कैसे बर्दाश्त कर लेते हैं ?"<br />पर मेरे विचार कुछ यूँ हैं.... <br />हिंसक विरोध पर कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते इन्सान का जीना भी सरकारी तंत्र दुश्वार कर देता है, और गाँधीवादी तरीका अपनाओ तो हश्र भी स्वामी निगमानंद या बाबा रामदेव सा ही तो होता है...................Mumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-37602558318490551972011-06-30T13:44:09.861+05:302011-06-30T13:44:09.861+05:30राज्ये जी,
आपकी प्रतिक्रिया बेहद दुरुस्त है....
गा...राज्ये जी,<br />आपकी प्रतिक्रिया बेहद दुरुस्त है....<br />गाँधी तो सिर्फ और सिर्फ एक था, जिसके वस्त्र समय के साथ देश के अंतिम आदमी की व्यथा को देखते हुए उतारते ही गए, जबकि आज के दौर में उनके नाम से पार्टिया वोट भी मांगती हैं, खुद को गाँधीवादी भी कहती हैं, पर नीतियाँ एक भी नहीं अमल में लाती...<br />प्रगति की परिभाषा भी विपरीत ढाल ली है....Mumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8950407978092259238.post-27635253823771350982011-06-30T12:05:23.439+05:302011-06-30T12:05:23.439+05:30दरअसल सरकारी बातों को छोड़कर गंगा के किनारे रहने ...दरअसल सरकारी बातों को छोड़कर गंगा के किनारे रहने वाले लोगों की बात करें तो सच के ज्यादा करीब पहुंचेंगे। यदि गंगा केवल कविताओं, शब्दों में ही, फिल्मी डायलाग्स में ही मां नहीं रह गई होती तो उसका ये हश्र ना होता। क्या मां की ऐसी दुगर्ति की जाती है, कलुष पावनी गंगा को ही कलुषित करने वाले उसके किनारे बसे उसके करोड़ों बेटे ही नहीं हैं? यदि आपके घर केसामने कोई कचरा फेंक जाये तो आप मोहल्ला सिर पर उठा लेते हैं पर गंगा में हजारों स्रोतों से गंदगी आ समाती है...तो किनारे रहने वाले, रोज चुल्लू भर जल पीने और देवताओं को अर्ध्य देने वाले उसके बेटे... ये कैसे बर्दाश्त कर लेते हैं ? केवल एक निगमांनंद ही क्यों आगे आता है ? दरअसल ऐसे काम सरकारें या समाज नहीं वो गांधी करते हैं जो गलियों की गंदी नालियां साफ करने के लिये झाड़ू लेकर निकल पड़ते हैं। और अब देश में कोई गांधी बचा है क्या ?Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com